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Maa Lakshmi mantra

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1. माता लक्ष्मी मंत्र मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः अर्थ: यह मंत्र कमल पर विराजमान माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और धन, समृद्धि व सफलता की प्राप्ति के लिए जपा जाता है। उपयोग: आर्थिक समृद्धि: यह मंत्र धन को आकर्षित करने और आर्थिक बाधाओं को दूर करने में मदद करता है। व्यापार में सफलता: व्यापार में सफलता और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करता है। सकारात्मक ऊर्जा: घर में सकारात्मकता और समृद्धि लाता है। जप विधि: प्रतिदिन सुबह या लक्ष्मी पूजा के दौरान 108 बार जप करें। स्फटिक या कमल गट्टा माला का उपयोग करें। शुक्रवार या दीपावली जैसे शुभ अवसरों पर विशेष रूप से प्रभावी। पूजा स्थल पर लक्ष्मी जी की मूर्ति या चित्र के सामने जप करें। 2. कुबेर मंत्र मंत्र: ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा अर्थ: यह मंत्र धन के खजाने के स्वामी भगवान कुबेर को समर्पित है, जो धन और अन्न की समृद्धि प्रदान करते हैं। उपयोग: अचानक धन लाभ: अप्रत्याशित आर्थिक लाभ या रुके हुए धन की प्राप्ति में सहायक। धन संचय: दीर्घकालि...

विष्णु मंत्र:

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विष्णु मंत्र: प्रथम मंत्र (श्री विष्णु सहस्रनाम का प्रारंभिक मंत्र): ॐ नमो भगवते वासुदेवाय। अर्थ: यह मंत्र भगवान वासुदेव (विष्णु) को समर्पित है और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए जाप किया जाता है। द्वितीय मंत्र (श्रीमद् भगवद्गीता से): ॐ नमो नारायणाय। अर्थ: यह मंत्र भगवान नारायण (विष्णु) की पूजा और उनके आशीर्वाद के लिए प्रचलित है। विष्णु बीज मंत्र: ॐ ह्रीं नमः। अर्थ: यह एक शक्तिशाली बीज मंत्र है जो आत्मिक शांति और समृद्धि के लिए जाप किया जाता है। उपयोग (उपयोग): प्रातः काल: सुबह उठकर स्नान करने के बाद शुद्ध मन से इन मंत्रों का जाप करें। 108 बार या 11 माला जप करने से विशेष लाभ मिलता है। पूजा विधि: भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाकर, तुलसी के पत्ते अर्पित करके मंत्रों का उच्चारण करें। लाभ: यह मंत्र शांति, समृद्धि, रक्षा और भक्ति में वृद्धि करते हैं। नियमित जाप से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। विशेष अवसर: हरि हरि वासर (एकादशी) या विष्णु जी के त्योहारों (जैसे गोवर्धन पूजा) पर इनका जाप विशेष फलदायी माना जाता है। इन मंत्रों को गुरु की...

Shivay mantra and Upyog

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Shivay mantra and Upyog  उच्चारण: ओम नमः शिवाय अर्थ: यह पंचाक्षरी मंत्र भगवान शिव को नमस्कार है, जो उनकी दिव्य शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक है। उपयोग: आध्यात्मिक उन्नति: यह मंत्र मन को शांति देता है और ध्यान में एकाग्रता बढ़ाता है। नकारात्मकता दूर करना: नियमित जाप से नकारात्मक ऊर्जा और तनाव दूर होता है। सुरक्षा और कल्याण: यह भक्तों को शिव की कृपा से सुरक्षा और सुख प्रदान करता है। जाप विधि: सुबह या शाम, स्नान के बाद 108 बार माला पर जाप करें। रुद्राक्ष की माला का उपयोग उत्तम है। 2. महामृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra) उच्चारण: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिम् पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्। (Om Tryambakam Yajamahe Sugandhim Pushtivardhanam, Urvarukamiva Bandhanan Mrityor Mukshiya Maamritat) अर्थ: यह मंत्र भगवान शिव के त्र्यम्बक (तीन नेत्रों वाले) रूप को समर्पित है, जो मृत्यु के भय से मुक्ति और अमरता की ओर ले जाता है। उपयोग: स्वास्थ्य लाभ: गंभीर बीमारियों से रक्षा और स्वास्थ्य सुधार के लिए जाप किया जाता है। लंबी आयु: यह मंत्र दीर्घायु और जीव...

प्रमुख कामदेव मंत्र (Kamdev Mantra in Hindi):कामदेव गायत्री मंत्र

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प्रमुख कामदेव मंत्र (Kamdev Mantra in Hindi): कामदेव गायत्री मंत्र: ॐ कामदेवाय विद्महे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात्। उच्चारण: Om Kamdevaya Vidmahe, Rati Priyaye Dhimahi, Tanno Ananga Prachodayat. कामदेव वशीकरण मंत्र: ॐ नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा। उच्चारण: Om Namo Bhagavate Kamdevaya Yasya Yasya Drishyo Bhavami, Yasya Yasya Mam Mukham Pashyati Tam Tam Mohayatu Swaha. कामदेव बीज मंत्र: ॐ क्लीं कामदेवाय नमः। उच्चारण: Om Kleem Kamadevaya Namah. कामदेव शाबर मंत्र: ॐ नमो आदेश गुरु को। कामदेव कामदेव क्या करें। तुम मेरे निकट हाजिर होकर सब स्त्री पुरुष को मेरे वश में करें। उच्चारण: Om Namo Adesh Guru Ko. Kamdev Kamdev Kya Karein. Tum Mere Nikat Hazir Hokar Sab Stri Purush Ko Mere Vash Mein Karein. मंत्रों का उपयोग (Upyog): प्रेम और आकर्षण बढ़ाने के लिए: कामदेव मंत्रों का जाप प्रेम संबंधों को मजबूत करने, जीवनसाथी के प्रति आकर्षण बढ़ाने और रिश्तों में मधुरता लाने के लिए किया जाता है। उदाहरण: कामदेव गायत्री मंत्र...

दुर्गा जी के मंत्र और उनके उपयोग

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दुर्गा जी के मंत्र और उनके उपयोग: मूल मंत्र: ॐ दुं दुर्गायै नमः उच्चारण: Om Dum Durgayai Namah उपयोग: यह माता दुर्गा का मूल मंत्र है। इसे नियमित जप करने से नकारात्मक ऊर्जा, भय, और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। यह मन को शांति और आत्मविश्वास प्रदान करता है। रोजाना 108 बार जप करने से विशेष लाभ होता है दुर्गा बीज मंत्र: ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नमः उच्चारण: Om Hreem Dum Durgayai Namah उपयोग: यह मंत्र शक्ति और साहस बढ़ाने के लिए प्रभावी है। इसे जप करने से आध्यात्मिक और शारीरिक शक्ति मिलती है। यह विशेष रूप से कठिन परिस्थितियों में सुरक्षा के लिए उपयोगी है। दुर्गा गायत्री मंत्र: ॐ कात्यायन्यै च विद्महे, कन्यकायै धीमहि, तन्नो दुर्गा प्रचोदयात् उच्चारण: Om Katyayanyai Cha Vidmahe, Kanyakayai Dheemahi, Tanno Durga Prachodayat उपयोग: यह मंत्र बुद्धि, ज्ञान और आध्यात्मिक जागृति के लिए जप किया जाता है। यह मंत्र विशेष रूप से नवरात्रि में जप करने से माता की कृपा प्राप्त होती है। सर्व मंगल मांगल्ये मंत्र: सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तु ते।। उच्चार...

शिव मंत्र (Shiv Mantra in Hindi) और उनका उपयोग

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शिव मंत्र (Shiv Mantra in Hindi) और उनका उपयोग  यहाँ कुछ प्रमुख शिव मंत्र दिए जा रहे हैं, उनके अर्थ और उपयोग के साथ, जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए उपयोगी हैं। 1. ॐ नमः शिवाय (Om Namah Shivaya) अर्थ: यह पंचाक्षर मंत्र है, जिसका अर्थ है "मैं भगवान शिव को नमस्कार करता हूँ।" यह मंत्र शिव की शक्ति, शांति और पवित्रता का प्रतीक है। उपयोग: ध्यान और जप: रोज सुबह या शाम 108 बार इस मंत्र का जप करें। यह मन को शांत करता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। रुद्राक्ष माला: जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें। शिव पूजा: शिवलिंग पर जल, दूध या बिल्वपत्र चढ़ाते समय इस मंत्र का उच्चारण करें। लाभ: मानसिक शांति, आत्मविश्वास और आध्यात्मिक उन्नति। 2. महामृत्युंजय मंत्र मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात्॥ अर्थ: हम त्रिनेत्रधारी भगवान शिव की पूजा करते हैं, जो सुगंधित और पोषण देने वाले हैं। जैसे खीरा अपनी बेल से अलग हो जाता है, वैसे ही हमें मृत्यु के बंधन से मुक्त करें, लेकिन अमरत्व प्रदान करें। उपयोग: स्वास्थ...

लक्ष्मी मंत्र

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धन, समृद्धि और सौभाग्य प्राप्ति के लिए जपे जाते हैं। नीचे कुछ प्रमुख मंत्र और उनके उपयोग दिए गए हैं: 1. श्री लक्ष्मी बीज मंत्र मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः ॐ ह्रीं कौम गं गणपतये नमः स्वाहा। उपयोग: इस मंत्र का जप दीपावली, धनतेरस या किसी शुभ मुहूर्त में करना चाहिए। रोजाना सुबह स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर, लक्ष्मी मंदिर या पूजा स्थल पर दीप जलाएं। 108 बार इस मंत्र का जप करें, रुद्राक्ष या कमलगट्टे की माला का उपयोग करें। इससे धन, समृद्धि और व्यापार में वृद्धि होती है। 2. लक्ष्मी गायत्री मंत्र मंत्र: ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे, विष्णुप्रियायै च धीमहि, तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्। उपयोग: इस मंत्र का जप सुबह-शाम 11, 21 या 108 बार करें। इसे शुक्ल पक्ष के शुक्रवार या पूर्णिमा के दिन शुरू करना शुभ होता है। धन की कमी दूर करने और आर्थिक स्थिरता के लिए प्रभावी है। जप के समय लक्ष्मी जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें और धूप-दीप जलाएं। 3. श्री महालक्ष्मी मंत्र मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः। उपयोग: इस मंत्र का जप धन प...