विष्णु मंत्र:

विष्णु मंत्र:
प्रथम मंत्र (श्री विष्णु सहस्रनाम का प्रारंभिक मंत्र):
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
अर्थ: यह मंत्र भगवान वासुदेव (विष्णु) को समर्पित है और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए जाप किया जाता है।

द्वितीय मंत्र (श्रीमद् भगवद्गीता से):
ॐ नमो नारायणाय।
अर्थ: यह मंत्र भगवान नारायण (विष्णु) की पूजा और उनके आशीर्वाद के लिए प्रचलित है।

विष्णु बीज मंत्र:
ॐ ह्रीं नमः।
अर्थ: यह एक शक्तिशाली बीज मंत्र है जो आत्मिक शांति और समृद्धि के लिए जाप किया जाता है।
उपयोग (उपयोग):
प्रातः काल: सुबह उठकर स्नान करने के बाद शुद्ध मन से इन मंत्रों का जाप करें। 108 बार या 11 माला जप करने से विशेष लाभ मिलता है।

पूजा विधि: भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाकर, तुलसी के पत्ते अर्पित करके मंत्रों का उच्चारण करें।

लाभ: यह मंत्र शांति, समृद्धि, रक्षा और भक्ति में वृद्धि करते हैं। नियमित जाप से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

विशेष अवसर: हरि हरि वासर (एकादशी) या विष्णु जी के त्योहारों (जैसे गोवर्धन पूजा) पर इनका जाप विशेष फलदायी माना जाता है।

इन मंत्रों को गुरु की सलाह से या पूर्ण श्रद्धा के साथ जाप करें।

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